हेनरी चतुर्थ (1589 - 1610 ई.)

हेनरी चतुर्थ सन् 1593 ईस्वी में फ्रांस के सिंहासन पर बैठा। राज्याभिषेक से पहले गृह-युद्ध के फलस्वरुप प्रदेश की दुर्दशा अधिक बढ़ गयी थी। देहातों में चोर-डाकूओं का आतंक बढ़ गया था। सरकार ऋण के बोझ से दबी जा रही थी। पदाधिकारी भ्रष्ट हो गए थे। अनेक कुलीन विदेशी दुश्मनों से मिले हुए थे। देश के भागों पर स्पेनी आक्रमणकारी अधिकार कर रहे थे। धार्मिक प्रश्न भी जटिल बना हुआ था। फ्रांस के उपर्युक्त सभी रोगों की चिकित्सा के लिए हेनरी चतुर्थ एक कुशल चिकित्सक था। फ्रांस में सुधार कार्यों की ओर उसने विशेष ध्यान दिया।

King Henry IV
King Henry IV

धार्मिक सुधार -

  • सर्वप्रथम असन्तुष्ट कुलीनों को प्रतिष्ठा व पद देकर हेनरी चतुर्थ ने उन्हें अपनी ओर मिलाने का प्रयास किया। अनेक कैथोलिक कुलीन उसके समर्थक बन गये।
  • स्पेन के साथ हेनरी ने सन्धि कर ली तथा धार्मिक प्रश्न को सुलझाने में अपनी राजनीतिक प्रवीणता का परिचय दिया। वह काल्विनवादी था किन्तु उसने फ्रांस की बहुसंख्यक प्रजा के लिए कैथोलिक धर्म को राज्य धर्म घोषित किया। 
  • काल्विनवादियों को भी सुविधाएँ प्रदान की गयीं। लोगों को धार्मिक स्वतन्त्रता दी गयी। सरकारी पदों पर काल्विनवादियों को भी बहाल किया जाने लगा। 
  • बहुसंख्यक कैथोलिक धर्मावलम्बियों के आक्रमण से वे अपने किलेबंद शहरों में अपनी रक्षा के लिए सेना रख सकते थे।
  • सन् 1621-22 ईस्वी में ह्यूबन विद्रोह के बाद राजा ने उनके कुछ शहरों पर अधिकार कर लिया। 
  • ह्यूबनों का प्रमुख केंद्र ला रोशेल था। यहां वे धार्मिक सभाओं का आयोजन करते थे जहां राजा के अधिकारियों को जाने की अनुमति नहीं थी। धार्मिक विवाद नानत्से संधि द्वारा सुलझा दिया गया। 
  • फ्रांस कैथोलिक राज्य बना रहा किन्तु अन्य धर्मावलम्बियों को पूजा-पाठ की स्वतन्त्रता  प्रदान की गयी।

आर्थिक सुधार -

  • आर्थिक सुधार की ओर भी हेनरी चतुर्थ ने ध्यान दिया। 
  • सली के ड्यूक को उसने वित्त अधीक्षक बनाया। भ्रष्ट पदाधिकारी हटाकर उनकी जगह ईमानदार लोगों को बहाल किया। नियमित ढंग से करों की वसूली होने लगी तथा अनावश्यक व्यय कम किया गया। 
  • कृषि-उत्पादन वृद्धि पर भी ध्यान दिया गया। दलदल भूमि को सुखाया गया। लोईर और सीन के बीच नहर निकाली गयी तथा सार्वजनिक राजमार्ग को उन्नत किया गया। 
  • रेशम, चीनी-मिट्टी एवं शीशा आदि उद्योग-धन्धों को प्रोत्साहन दिया गया। संरक्षणात्मक चुंगी लगायी गयी तथा निर्यात पर आयात की अपेक्षा अधिक बल दिया गया। 
  • विलासमयी वस्तुओं का फ्रांस से अधिकाधिक निर्यात किया जाने लगा। मालवाहक जहाज बनाये जाने लगे तथा फ्रेंच उपनिवेशों की स्थापना उत्तर अमेरिका में की गयी।

विदेश नीति -

  • हेनरी चतुर्थ फ्रांस की गौरव वृद्धि चाहता था। उसने अब राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान शुरू किया। 
  • पूर्वी सीमा क्षेत्र पर खतरा था। वहाँ हैप्सबर्ग का मित्र सेवाय का ड्यूक था। ड्यूक के अधीन कुछ मिलें थीं जो सेवोन नदी तक विस्तृत थीं। 
  • वोसेस के दर्रे में वह फ्रांस के भीतरी भाग में सेना भेजता था। स्पेन से सन्धि करने के पश्चात हेनरी चतुर्थ की विदेश नीति की मुख्य योजना इन जिलों को प्राप्त करने की थी।
  • फ्रांस जब धार्मिक युद्धों में व्यस्त था, आल्पस पहाड़ के इटली की ओर सालुज्जो जिले पर सेवाय ने अधिकार कर लिया था। इसे फ्रांस पुनः प्राप्त करना चाहता था। पहले तो शान्ति-वार्ता शुरू की गयी किन्तु कोई नतीजा न निकला। अन्त में हेनरी ने युद्ध का सहारा लिया और ड्यूक को पराजित किया। 
  • फ्रांस को वांछित जिले प्राप्त हो गए तथा सेवाय का अधिकार सालुज्जो पर बना रहा। सन् 1601 ईस्वी की लायोन-सन्धि द्वारा यह सब तय किया गया।
  • जर्मनी के काल्विन-संघ से हेनरी ने सन्धि करके आस्ट्रिया और स्पेन पर आक्रमण करने के लिए तीन ओर से सेना भेजी गयी।इसी बीच 14 मई, 1610 ईस्वी को हेनरी की हत्या एक पागल ने पेरिस में कर दी।
फ्रांस में निरंकुश राजतन्त्र का संस्थापक हेनरी चतुर्थ था। विद्रोही सामन्तों को पद व प्रतिष्ठा देकर उसने उन्हें अपनी ओर मिला लिया। अपने 17 वर्ष के शासनकाल में उसने फ्रांस की अनेक तरह से सेवाएँ की, अपने धार्मिक तथा आर्थिक सुधारों द्वारा उसने फ्रांस को नवजीवन प्रदान किया। उसकी विदेश नीति भी गौरवशाली सिद्ध हुई। वस्तुतः हेनरी चतुर्थ बूर्बों नीति निर्माता था।

धन्यवाद।

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