कोल्बर्ट के सुधार

फ्रांस के वित्तमंत्री कोल्बर्ट के आर्थिक सुधारों के लिए लुई चतुर्दश का शासनकाल बहुत प्रसिद्ध है। उसने 1661 से 1683 ईस्वी में अपनी मृत्यु तक फ्रांस की जनता के कल्याण तथा राज्य की दृढ़ता के लिए निरन्तर प्रयास किया। उसके वित्तमंत्री बनने के समय, फ्रांस की आर्थिक हालत खराब थी। कर का भार जनता पर बढ़ता जा रहा था और साथ ही राजकीय व्यय भी बढ़ता जा रहा था। कर-संग्रह प्रणाली दूषित थी। करों से सामन्त वर्ग मुक्त था। फ्रोण्डे (गृहयुद्धों) तथा तीसवर्षीय युद्धों के कारण भी आर्थिक दशा खराब हो गई थी।

Reforms of Colbert
Colbert

कोल्बर्ट को अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित करना तथा न्यायोचित बनाना था। इस दिशा में उसने निम्नलिखित कार्य किए-

भ्रष्ट अधिकारियों की जांच -

  • कोल्बर्ट ने भ्रष्ट तथा धन-लोलुप कर्मचारियों की जांच के लिए एक विशेष न्यायालय की स्थापना की। 
  • ठेके पर वसूली की प्रथा को उसने समाप्त कर दिया।

सामन्तों पर कर -

  • कोल्बर्ट में सामन्तों के अधिकार पत्रों की जांच की और जो सामन्त अपने अधिकार-पत्रों से कर मुक्ति प्रमाणित नहीं कर सके, उसने उन पर प्रत्यक्ष भूमिका लगा दिया। 
  • उसने कुलीन वर्ग के लोगों की कर-मुक्ति को जितना सीमित किया जा सका, करने का प्रयास किया।

कृषि सुधार -

  • किसानों को कोल्बर्ट ने सुविधाएं दी और उनका कर-भार कम कर दिया। 
  • उसने किसानों के कृषि औजार जब्त नहीं किए जा सकने का नियम बनाया। 
  • घोड़ो, गायों, बैलों की नस्ल सुधारी गई।

उद्योगों को प्रोत्साहन -

  • उद्योग, व्यापार और यातायात के सुधार का कार्य भी कोल्बर्ट ने किया। उसने सड़कों की मरम्मत कराई। 
  • रोन तथा जेरोन नदियों को उसके प्रोत्साहन से नहरों तथा भू-मध्य सागर तथा अटलांटिक महासागर से जोड़ा गया। 
  • उसकी उद्योग तथा व्यापार नीतियों पर वाणिज्यवाद का प्रभाव था। विदेशी माल के आयात को रोकने तथा निर्यात को बढ़ाने का कार्य उसने किया। इंग्लैंड, हॉलैंड से कुशल कारीगरों को उसने फ्रांस बुलाया। अनेक कारखाने खोले गए और अन्वेशकों को पुरस्कृत किया गया। 
  • धनी लोगों तथा सामन्तों को औद्योगिक विकास में पूंजी लगाने का उसने अनुरोध किया। लिनेन, चमड़ा तथा रेशम उद्योगों में उसकी नीति से बड़ी उन्नति हुई। 
  • गिल्ड नामक व्यापारिक संस्थाओं का उसने पुनर्गठन किया। 

सेना में सुधार -

  • फ्रांसीसी जहाजी बेड़े को पर्याप्त सहायता दी गई। 
  • उसने रक्षक नौसेना का निर्माण कराया, जहाज बनाने के कारखाने खोले गए और बन्दरगाहों का निर्माण कराया गया।

विदेशी व्यापार को प्रोत्साहन -

  • कोल्बर्ट ने विदेशी व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापारिक कम्पनियों को गठित किया और उपनिवेश स्थापित करने की नीति अपनाई। उसी के प्रयास से फ्रांसीसी कम्पनियां भारत तथा पूर्व से व्यापार करने के लिए गठित की गई। 
  • फ्रांसीसी कंपनियों ने सेनेगल, मेडागास्कर, कनाडा, भारत में अपने केंद्र स्थापित किए। सरकार का नियन्त्रण इन कम्पनियों पर था। 
  • उत्पादन पर भी सरकार का नियन्त्रण था जिससे मानक वस्तुओं का उत्पादन किया जा सके। उसने फ्रांस के लिए पश्चिमी इण्डीज में ग्वाडेलूप तथा मेटेनर्कि द्वीपों  को खरीदा।

धन की व्यवस्था -

  • व्यय में कमी करके तथा आय में वृद्धि करके कोल्बर्ट ने बजट को सन्तुलित किया। 
  • लुई चतुर्दश की विलासिता तथा वैभव के लिए उसने धन की व्यवस्था की। जब तक कोल्बर्ट जीवित रहा, उसने फ्रांस की वित्त व्यवस्था को सुरक्षित तथा दृढ़ रखा लेकिन फ्रांस के बढ़ते हुए सैनिक व्यय की व्यवस्था करना एक अत्यन्त कठिन कार्य था। 
  • 1681 ईस्वी में उसकी मृत्यु के पश्चात यह व्यवस्था समाप्त हो गई। लुई चतुर्दश को अन्तिम वर्षों में भीषण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, राजकोष खाली था और  सरकार पर भारी सार्वजनिक ऋण हो गया था।

साहित्य एवं कला को प्रोत्साहन -

  • साहित्य एवं कला को भी कोल्बर्ट ने प्रोत्साहन दिया। उसने रिश्लू द्वारा स्थापित फ्रैन्च अकादमी को मजबूत बनाया। 
  • उसने 1664 ईस्वी में विज्ञान अकादमी की स्थापना की। पेरिस में उसने खगोल विद्या केंद्र की स्थापना की। अनेक फ्रैन्च साहित्यकारों को उसने आर्थिक सहायता दी और फ्रांस में विदेशी वैज्ञानिकों को बसने के लिए प्रोत्साहित किया। 
  • अनेक सार्वजनिक भवनों का निर्माण कराया और कानूनों का संग्रह करने का भी कार्य कराया।
वास्तव में, फ्रांस की समृद्धि और उसका आर्थिक विकास कोल्बर्ट का कार्य था।

धन्यवाद।

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