रिश्लू (1585-1642 ई.)
हेनरी चतुर्थ की मृत्यु के समय उसके ज्येष्ठ पुत्र लुई 13वें की आयु आठ वर्ष की थी। उसकी माँ मेरी डि मेडिसी उसकी संरक्षिका बन गयी किन्तु वह अत्यन्त ही अकर्मण्य थी तथा अपने कृपापात्रों पर आश्रित थी। 1622 ईस्वी में ल्यूकन के विशप अर्माण्ड डिप्लेसिस को कार्डिनल बनाया गया। अब उसे कार्डिनल रिश्लू कहा जाने लगा। वह 1616 ईस्वी में राज्य सचिव के पद पर पहुँच गया। लुई 13वाँ नाममात्र का शासक था। रिश्लू के हाथ में ही राज्य की वास्तविक शक्ति केन्द्रित हो गई थी।
Richelu |
गृहनीति -
ह्यूबनों की समस्या -
- रिश्लू फ्रांस में शक्तिशाली राजतन्त्र का समर्थक था।
- ह्यूबनों तथा कुलीनों को वह फ्रांस का शत्रु समझता था।
- ह्यूबनों को अनेक सुविधाएं प्रदान की गई थीं। इनके कारण उनकी स्थिति राज्य के अन्दर राज्य की तरह थी। इन सुविधाओं का वे दुरूपयोग करते थे।
- उनकी गतिविधियों से रिश्लू बहुत अप्रसन्न था। उनके पृथक राजनीतिक अस्तित्व को समाप्त करने तथा उनके गढ़ ला रोशेल को हथियाने का उसने संकल्प किया।
- ला रोशेल पर उसके निर्देशन में अधिकार कर लिया गया।
- ह्यूबनों के साथ 1629 ईस्वी में अलाई की सन्धि कर ली गयी।
- सन्धि के अनुसार उनकी धार्मिक सुविधाएं पूर्ववत् बनी रहीं किन्तु राजनीतिक मामलों में उन्हें हस्तक्षेप करने से मना कर दिया।
कुलीन वर्ग -
- कुलीन वर्ग राजा के विरूद्ध सदैव षड़यंत्र करते रहते थे। निजी सेना भी उनके पास होती थी। वे बराबर लड़ते-झगड़ते रहते थे।
- रिश्लू ने न केवल निर्ममतापूर्वक उनके विद्रोह का दमन किया अपितु उनके किलों को भी ध्वस्त कर दिया। अनेक कुलीनों को फांसी की सजा दी गयी ।अब यह स्पष्ट हो गया कि राजा किसी भी कीमत पर सामन्ती अव्यवस्था को सहने के लिए तैयार न था।
- सामन्तों पर पूर्ण नियन्त्रण रखा गया। प्रांतपति नामक अधिकारी मध्य वर्ग से नियुक्त किये गये तथा फ्रांस के विभिन्न प्रांतों में भेजे गये।
- उन्हे अनेक अधिकार दिए गए। अब उनके सामने उत्पाती सामन्तों का प्रभाव समाप्त हो गया।
व्यापार को प्रोत्साहन -
- रिश्लू ने व्यापार को भी प्रोत्साहन दिया।
- उपनिवेशीकरण को राजकीय संरक्षण दिया गया।
- एक नौ सेना गठित की गई।
- साहित्य कला के विकास के लिए एक अकादमी स्थापित हुई।
- फ्रांसीसी भाषा के मानवीकरण पर इसने बल दिया।
- उद्योग-धन्धों पर नियन्त्रण रखा गया तथा डाक व संदेशवाहक सेवाओं को केंद्रिकृत किया गया।
विदेश नीति -
- फ्रांस के लिए रिश्लू प्राकृतिक सीमा प्राप्त करना चाहता था। ये सीमाएँ राइन, प्रीनिज और आल्पस हो सकती थीं।
- रिश्लू ने बड़ी कूटनीति से स्वीडन के राजा से स्वयं समझौता कर लिया। समझौते के अनुसार रिश्लू स्वीडन के राजा गुस्तावस एडोलफस को पांच वर्षों के लिए आर्थिक सहायता देने के लिए तैयार हो गया।
- कैथोलिक संघ से भी उसने संधि कर ली। इटली से भी उसने एक समझौता कर लिया। इसके द्वारा हैप्सबर्ग के मित्र सेवाय को इतालवी आल्पस के किनारे स्थित पीनेरोला फ्रांस को देने के लिए विवश किय। इसी बीच 1632 ईस्वी में एडोलफस मारा गया।
- 1635 ईस्वी में रिश्लू ने तीसवर्षीय युद्ध में फ्रांस को शामिल कर दिया। सेनाएं आस्ट्रिया और स्पेन तक भेज दी गयीं परन्तु ये सैनिक अभियान असफल रहे।
- स्वीडन और जर्मनी के अनेक प्रोटेस्टेंट राज्यों के साथ सन्धि कर ली गयी। फ्रांसीसी सेना 1642 ईस्वी तक इब्रो पहुँच गयी और राइन नदी पार कर गयी।
- रिश्लू का इसी बर्ष देहान्त हो गया। लुई 13वें का भी तीन महीने बाद निधन हो गया।
वस्तुतः रिश्लू 1624 से 1642 ईस्वी तक फ्रांस के राजा लुई 13वें के शासन का प्रधान बना रहा। कहा जाता है कि बूर्बो फ्रांस का निर्माता हेनरी चतुर्थ था तो फ्रांस का भाग्य-विधाता रिश्लू था। यूरोप में फ्रांस की प्रभुता उसने स्थापित की। वह फ्रांस में निरंकुश राजतंत्र का संस्थापक था।
धन्यवाद ।
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